परमात्मा पर विश्वास
वह परमात्मा तब भी था। जब हम नहीं थे। और अभी भी है। जब हम है। और तब भी रहेगा। जब हम नहीं होगें। आज हमारे जीवन में जो कुछ भी हो रहा है या होगा। वह हमेशा भगवान की इच्छा से होता है। हम इंसानों के सोचने से कुछ नहीं होता। और ना कभी हो सकता है।